शब्द का अर्थ
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काँसा :
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पुं० [सं० कास्य] [वि० कांसी] एक मिश्र जातु जो ताँबे जस्ते आदि के योग से बनती है। कसकुट। यौ-कँसभरा-काँसे का गहना बनाने और बेचनेवाला। वि० [सं० कनिष्ठ] भीख माँगने का खप्पर या ठीकरा। उदाहरण—जब हाथ में लिया कांसा। तब भीख का क्या सांसा।—कहा०।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
काँसागर :
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पुं० [हिं० कांसा+फा० गर (प्रत्यय)] काँसे आदि के गहने बरतन आदि बनानेवाला (व्यक्ति)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
काँसार :
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पुं० =कांसागर।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |