शब्द का अर्थ
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कायिका :
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स्त्री० [सं० कायिक+टाप्] काय अर्थात् मूल-धन पर मिलने वाला ब्याज। सूद। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
कायिका-वृद्धि :
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स्त्री० [ष० त०] प्राचीन भारत में वह व्यवस्था जिसमें किसी से लिए हुए ऋण का ब्याज चुकाने के लिए ऋणी व्यक्ति उसके बदले में महाजन के कुछ काम या तो स्वंय कर देता था या अपने पशुओं आदि से करा देता था (स्मृति)। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |