शब्द का अर्थ
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कुसुम :
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पुं० [सं०√कुस्+उम, गुणाभाव (नि०)] [वि० कुसुमित] १. पुष्पों। फूल। २. स्त्रियों का रजस्राव। ३. लाल रंग। ४. ऐसा गद्य जिसमें छोटे-छोटे वाक्य हो। ५. वर्तमान अवसर्पिणी के छठे अर्हत् के गणधर। ६. एक राग जो मेघराग का पुत्र कहा गया है। ७. आँखों का एक रोग। ८. छंदशास्त्र में ठगण का छठा भेद जिसमें क्रमशः लघु, गुरु, और लघु (।ऽ॥) होते हैं। पुं० [सं० कुसुभ] एक प्रसिद्ध पौधा जो रबी की फसल के साथ बीजों या फूलों के लिए बोया जाता है। बर्रे। कुसुंब। |
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कुसुम-कार्मुक :
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पुं० [ब०स] कामदेव, जिनका धनुष फूलों का है। |
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कुसुम-चाप :
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पुं० =कुसुम-कार्मुक। |
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कुसुम-पंचक :
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पुं० [ष० त०] कामदेव के पाँच बाण। |
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कुसुम-पल्ली :
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स्त्री० [ष० त०] १. रजस्वली स्त्री। २. दे० ‘कुसुमपुर’। |
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कुसुम-पुर :
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पुं० [मध्य० स०] आधुनिक पटना नगर का प्राचीन नाम। |
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कुसुम-बाण :
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पुं० [ब०स] कामदेव। |
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कुसुम-रेणु :
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पुं० [ष० त०] पराग। |
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कुसुम-विचित्रा :
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स्त्री० [उपमित० स०] एक वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण में क्रमशः नगण, यगण, नगण और यगण होता है। |
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कुसुम-शर :
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पुं० [ब०स] कामदेव। |
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कुसुम-स्तवक :
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पुं० [ष० त०] दंडक छंद का वह भेद जिसमें प्रत्येक चरण में नौ या नौ से अधिक सगण होते हैं। |
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कुसुमवान :
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पुं० [सं० कुसुम-बाण] कामदेव।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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कुसुमाकर :
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पुं० [कुसुम-आकर, ष० त०] १. वसंत ऋतु। २. फुलवारी। बगीचा। ३. छप्पय का एक भेद। |
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कुसुमांजन :
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पुं० [कुसुम-अंजन, मध्य० स०] जस्ते को फूँककर तैयार की हुई भस्म। |
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कुसुमांजलि :
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स्त्री० [कुसुम-अंजलि, मध्य० स०] फूलों से भरी हुई अजंली। पुष्पांजलि। |
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कुसुमाधिप, कुसुमाधिराज :
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पुं० [कुसुम-अधिप, कुसुम अधिराज, ष० त०] चंपा का पेड़। |
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कुसुमायुध :
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पुं० [कुसुम-आयुध, ब० स०] कामदेव। |
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कुसुमाल :
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पुं० [कुसुम-आ√ला (लेना)+क] चोर। |
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कुसुमावलि :
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स्त्री० [कुसुम-आवलि, ष० त०] फूलों का गुच्छा या समूह। |
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कुसुमासव :
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पुं० [कुसुम-आसव, ष० त०] १. फूलों का रस। मकरंद। २. मधु। शहद। |
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कुसुमित :
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वि० [सं० कुसुम+इतच्] १. (पौधा) जिसमें फूल लगें हों। २. खिला हुआ। (क्व०) ३. (स्त्री) जिसका रजस्राव हो रहा हो। |
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कुसुमित-लता-वेल्लिता :
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स्त्री० [कुसुमित-लता, कर्म० स, कुसुमितलता-वेल्लिता, उपमित० स०] एक वर्ण वृत्त जिसके प्रत्येक चरण में क्रमशः मगण, तगण, नगण, यगण, यगण और यगण होता है। |
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कुसुमी :
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वि० [सं० कुसुम] १. कुसुम संबंधी। कुसुम का। २. कुसुम के फूलों के रंग का। पीलापन लिये हुए लाल रंग का। जैसे—कुसुमी साड़ी। |
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कुसुमेषु :
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पुं० [कुसुम-इष्, ब० स०] कामदेव। |
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