शब्द का अर्थ
|
ठप :
|
वि० [अनु०] १. (कार्य या व्यापार) जो पूरी तरह से बन्द हो गया हो। जैसे–घोर वर्षा के कारण आज दिन भर सब काम ठप रहे। २. (पदार्थ) जो खुला न हो या खोला न गया हो, अथवा जिसका उपयोग न हो रहा हो। जैसे–(क) पुस्तक ठप होना। (ख) बाजे या यंत्र का ठप पड़ा रहना। पुं० १. खुली पुस्तक सहसा बन्द करने से होनेवाला शब्द। २. ठगने अर्थात् बन्द करने की अवस्था, क्रिया या भाव। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ठपका :
|
पुं० [हिं० ठप] १. ठप शब्द। २. खुली पुस्तक बंद करने की क्रिया। ३. आघात। धक्का। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ठपना :
|
स० [हिं० ठप] १. कोई चीज इस प्रकार बन्द करना कि ठप शब्द हो। २. कोई कार्य या व्यापार बन्द करना। ३. कोई चीज बन्द करके कहीं रखना। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ठप्पा :
|
पुं० [ठप से अनु] १. धातु, लकड़ी आदि का वह टुकड़ा जिस पर चित्र, चिन्ह आदि खुदे रहते हैं और जिससे कपडों आदि पर रंग या स्याही की सहायता से छाप लगाई जाती है। जैसे–कपड़े छापने या सिक्के बनाने का ठप्पा। २. उक्त उपकरण से लगी या लगाई हुई छाप। ३. एक प्रकार का चौड़ा नकाशीदार गोटा जो ठप्पे से दबाकर बनाया जाता है ४. वह साँचा जिससे उक्त प्रकार के उभारदार बेल-बूटे बनाये जाते हैं। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |