शब्द का अर्थ
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ठेठ :
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वि० [देश०] १. जो अपने विशुद्ध मूलरूप में हो। जिसमें कृत्रिमता, बनावट या किसी तरह की मिलावट न हो। प्ररूपी। (टिपिकल्) जैसे–ठेठ बनारसी। (=विशिष्ट रूप से बनारस का ही; अर्थात् और कहीं का नहीं) २. जिसमें किसी प्रकार की भूल, संदेह आदि के लिए अवकाश न हो। जैसे–उन्हें ठेठ घर तक पहुँचा आओ। पुं० आदि। आरंभ। शुरू। जैसे–अब सारा काम ठेठ से करना चाहिए। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
ठेठर :
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पुं०=थियटर। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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