| शब्द का अर्थ | 
					
				| त्योर					 : | पुं० दे० ‘त्योरी’।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं | 
			
					
				| त्योरस					 : | पुं० [हिं० ति (तीन)+बरस] १. गत वर्ष से पहले का अर्थात् वर्त्तमान वर्ष के विचार से बीता हुआ तीसरा वर्ष। २. आनेवाले वर्ष के बाद का अर्थता वर्त्तमान वर्ष के विचार से तीसरा वर्ष | 
			
				|  | समानार्थी शब्द- 
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				| त्योरी					 : | स्त्री० [हिं० त्रिकुटी; सं० त्रिकूट (चक्र)] किसी विशिष्ट उद्देश्य से देखने वाली दृष्टि। निगाह। तेवर। मुहावरा–त्योरी चढ़ना=दृष्टि का ऐसी अवस्था में हो जाना जिससे कुछ असन्तोष या रोष प्रकट हो। आँखें चढ़ना। त्योरी चढ़ाना या बदलना-दृष्टि या आकृति से क्रोध के चिन्ह प्रकट करना। भौंहे चढ़ाना। त्योरी में बल पड़ना-त्योरी चढ़ना। | 
			
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				| त्योरुस					 : | पुं०=त्योरस। | 
			
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