शब्द का अर्थ
|
दिल्लगी :
|
स्त्री० [फा० दिल+हिं० लगना] १. दिल लगने या लगाने की क्रिया या भाव। २. परिहास। मनोविनोद। मुहावरा—(किसी की) दिल्लगी उडाना=हास-परिहास की बातें कहकर तुच्छ सिद्ध करने का प्रयत्न करना। उपहास करना। पद—दिल्लगी में=केवल दिल्लगी के विचार से। यों ही। हँसी में। ३. ऐसी घटना या बात, जिससे लोगों का मनोरंजन होने के सिवा उन्हें हँसी भी आवे। जैसे—कल सड़क पर एक दिल्लगी हो गई; एक आदमी के कन्धे पर कहीं से एक बन्दर आ कूदा। ४. ऐसा काम या बात, जो हास-परिहास की तरह सुगम हो या जो सब लोग कर सकें। जैसे—कविता करना क्या तुमने दिल्लगी समझ रखा है। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दिल्लगीबाज :
|
पुं० [हिं० दिल्लगी+फा० बाज] [भाव० दिल्लगीबाजी] वह जो प्रायः दूसरों को हँसानेवाली बातें कहता हो। हँसी या दिल्लगी करनेवाला। ठठोल। हँसोड़। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
दिल्लगीबाजी :
|
स्त्री० [हिं० दिल्लगी+फा० बाजी] १. दिल्लगी करने की क्रिया या भाव। २. दे० ‘दिल्लगी’। |
|
समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |