शब्द का अर्थ
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पर्यय :
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पुं० [सं० परि√इ (जाना)+अच्] १. चारों ओर चक्कर लगाना। २. समय का बीतना। ३. समय का अपव्यय। ४. किसी लौकिक या शास्त्रीय बन्धन, मर्यादा आदि का उल्लंघन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्यय :
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पुं० [सं० परि√इ (जाना)+अच्] १. चारों ओर चक्कर लगाना। २. समय का बीतना। ३. समय का अपव्यय। ४. किसी लौकिक या शास्त्रीय बन्धन, मर्यादा आदि का उल्लंघन। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्ययण :
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पुं० [सं० परि√इ+ल्युट्—अन] १. किसी के चारों ओर चक्कर लगाना। २. घोड़े की जीन। काठी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पर्ययण :
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पुं० [सं० परि√इ+ल्युट्—अन] १. किसी के चारों ओर चक्कर लगाना। २. घोड़े की जीन। काठी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |