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शब्द का अर्थ

पाढ़  : पुं० [सं० पाट, हिं० पाटा] १. पीढ़ा। २. पाटा। ३. गहनों पर नक्काशी करने का सुनारों का एक उपकरण। ४. लकड़ी की एक प्रकार की सीढ़ी। ५. मचान। पुं०=पाड़।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पाढ़  : पुं० [सं० पाट, हिं० पाटा] १. पीढ़ा। २. पाटा। ३. गहनों पर नक्काशी करने का सुनारों का एक उपकरण। ४. लकड़ी की एक प्रकार की सीढ़ी। ५. मचान। पुं०=पाड़।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
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पाढ़त  : स्त्री० [हिं० पढ़ना] १. पढ़ने की क्रिया या भाव। पढ़त। २. वह जो पढ़ा जाय। वह जिसका पाठ किया जाय। ३. मंत्र जो पढ़कर फूँका जाता है। ४. कोई पवित्र पद या वाक्य जिसका जप किया जाता हो। उदा०—स्वाय जात जब आवत, पाढ़त जाय।—नूर मुहम्मद।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पाढ़त  : स्त्री० [हिं० पढ़ना] १. पढ़ने की क्रिया या भाव। पढ़त। २. वह जो पढ़ा जाय। वह जिसका पाठ किया जाय। ३. मंत्र जो पढ़कर फूँका जाता है। ४. कोई पवित्र पद या वाक्य जिसका जप किया जाता हो। उदा०—स्वाय जात जब आवत, पाढ़त जाय।—नूर मुहम्मद।
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पाढ़र  : पुं० [सं० पाटल] १. पाडर का पेड़। २. एक प्रकार का टोना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पाढ़र  : पुं० [सं० पाटल] १. पाडर का पेड़। २. एक प्रकार का टोना।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पाढ़ल  : पुं०=पाटल।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पाढ़ल  : पुं०=पाटल।
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पाढ़ा  : पुं० [देश०] एक प्रकार का छोटा बारहसिंघा जिसकी खाल भूले या हलके बादामी रंग की होती है और जिस पर सफेद चित्तियाँ होती हैं। चित्रमृग। पुं०=पाठा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पाढ़ा  : पुं० [देश०] एक प्रकार का छोटा बारहसिंघा जिसकी खाल भूले या हलके बादामी रंग की होती है और जिस पर सफेद चित्तियाँ होती हैं। चित्रमृग। पुं०=पाठा।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)
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पाढ़ित  : वि० [हिं० पढ़ना] १. पढ़ा हुआ। २. जिसे पढ़ा जाय।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पाढ़ित  : वि० [हिं० पढ़ना] १. पढ़ा हुआ। २. जिसे पढ़ा जाय।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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