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पाद्य  : वि० [सं० पाद+यत्] १. पाद (पैर, चरण आदि) से संबंध रखनेवाला। पाद का। २. पाद्य संबंधी। पाद्यात्मक। पुं० वह जल जिससे किसी आये हुए पूज्य व्यक्ति या देवता के पैर धोते हैं अथवा जिसे पैर धोने के लिए आदर-पूर्वक उनके आगे रखते हैं।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पाद्य  : वि० [सं० पाद+यत्] १. पाद (पैर, चरण आदि) से संबंध रखनेवाला। पाद का। २. पाद्य संबंधी। पाद्यात्मक। पुं० वह जल जिससे किसी आये हुए पूज्य व्यक्ति या देवता के पैर धोते हैं अथवा जिसे पैर धोने के लिए आदर-पूर्वक उनके आगे रखते हैं।
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पाद्य-दान  : पुं० [सं० ष० त०] १. पैर धोने के लिए जल देना। २. पूज्य या बड़े व्यक्तियों का कहीं पधारना। कहीं पदार्पण करना या जाना। (आदर-सूचक) जैसे—गुरु शिष्यों के घर पाद्य-दान।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पाद्य-दान  : पुं० [सं० ष० त०] १. पैर धोने के लिए जल देना। २. पूज्य या बड़े व्यक्तियों का कहीं पधारना। कहीं पदार्पण करना या जाना। (आदर-सूचक) जैसे—गुरु शिष्यों के घर पाद्य-दान।
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पाद्यार्घ  : पुं० [सं० पाद्य-अर्घ, कर्म० स०] १. पैर तथा हाथ धोने या धुलाने का जल। २. देव-पूजन की सामग्री। ३. पूजन, सत्कार आदि के अवसर पर दिया जानेवाला धन या सामग्री। नजर। भेंट। ४. प्राचीन काल में ब्राह्मण को दान रूप में दी हुई वह भूमि जिस पर राजकर नहीं लगता था। माफी।
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पाद्यार्घ  : पुं० [सं० पाद्य-अर्घ, कर्म० स०] १. पैर तथा हाथ धोने या धुलाने का जल। २. देव-पूजन की सामग्री। ३. पूजन, सत्कार आदि के अवसर पर दिया जानेवाला धन या सामग्री। नजर। भेंट। ४. प्राचीन काल में ब्राह्मण को दान रूप में दी हुई वह भूमि जिस पर राजकर नहीं लगता था। माफी।
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