शब्द का अर्थ
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भरद्वाज :
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पुं० [सं०√भृ+अप=द्वि√जन्+ड, पृषो०=द्वाज, भरद्वाज, कर्म० स०] १. अंगरिस गोत्र के उतथ्य ऋषि की स्त्री ममता के गर्भ से और उत्थ्य के भाई बृहस्पति के वीर्य से उत्पन्न एक वैदिक ऋषि जो गोत्र प्रवर्तक और मंत्रकार थे। बनवास काल में रामचन्द्र इनके आश्रम में भी गए थे। २. उक्त ऋषि के गोत्र का व्यक्ति। ३. बौद्धों के अनुसार एक अर्हत् का नाम। ४. एक अग्नि का नाम। ५. एक प्राचीन जनपद। ६. भरत पक्षी। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
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