शब्द का अर्थ
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भार्य :
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वि० सं० [√भृ (भरण करना)+ण्यत्, वृद्धि] जिसका भरण किया जाने का हो या किया जाय। पुं० १. नौकर। सेवक। २. आश्रित व्यक्ति। ३. आयुधजीवी। योद्धा। |
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समानार्थी शब्द-
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भार्या-वृक्ष :
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पुं० [सं० मध्य० स०] पतंग नामक वृक्ष। |
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भार्याजित :
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वि० [सं० तृ० त०] भार्या या जोरू के वश में रहनेवाला। पुं० एक तरह का हिरन। |
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भार्याटिक :
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वि० [सं० भार्याट+ठन्—इक] जोरू का गुलाम। स्त्रैण। पं० १. एक प्राचीन मुनि। २. एक प्रकार का हिरन। |
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भार्यात्व :
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पुं० [सं० भार्या+त्व] भार्या होने का भाव। पत्नीत्व। |
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भार्यारू :
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पुं० [सं० भार्या√ऋ (जाना)+उण्] १. एक प्रकार का हिरन। २. एक प्राचीन पर्वत। २. वह व्यक्ति जिसके वीर्य से परस्त्री को पुत्र हुआ हो। |
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भार्य्या :
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स्त्री० [सं०] जोरू। पत्नी। |
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