| शब्द का अर्थ | 
					
				| विक्षेप					 : | पुं० [वि√क्षिप् (फेंकना)+घञ्] १. इधर-उधर छितराना या फेंकना। २. झटका देना। ३. धनुष का चिल्ला या डोरी चढ़ाना। ४. गदायुद्ध में गदा की कोटि से समीपवर्ती शत्रु पर प्रहार करना। ५. मन इधर-उधर दौड़ाना या भटकाना। ६. बाधा। विघ्न। ७. सेना का पड़ाव। छावनी। ८. एक तरह का प्राचीन अस्त्र। | 
			
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				| विक्षेप-लिपि					 : | स्त्री० [कर्म० स०] एक प्रकार की प्राचीन लिपि। | 
			
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				| विक्षेपण					 : | पुं० [सं० वि√क्षिप् (फेंकना)+ल्युट-अन] १. ऊपर अथवा इधर-उधर फेंकने की क्रिया। २. झटका देना। ३. धनुष की डोरी खींचना। ४. बाधा। विघ्न। ५. विक्षेप। | 
			
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				| विक्षेप्ता (प्तृ)					 : | पुं० [सं० वि√क्षिप्+तृच्] विक्षेप या विक्षेपण करनेवाला। | 
			
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