| शब्द का अर्थ | 
					
				| विश्वग					 : | वि० [सं० विश्व√गम् (जाना)+ड] विश्व भर में जिसका गमन या गति हो। पुं० ब्रह्मा। | 
			
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				| विश्वगंध					 : | पुं० [सं० ब० स०] १. बोल (गंध द्रव्य) २. प्याज। वि० जिसकी गंध बहुत दूर-दूर तक फैलती हो। | 
			
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				| विश्वगंधा					 : | स्त्री० [सं० विश्वगंध+टाप्] पृथ्वी। | 
			
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				| विश्वगर्भ					 : | पुं० [सं० ब० स०] १. विष्णु। २. शिव। | 
			
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				| विश्वगुरु					 : | पुं० [सं० ष० त०] विष्णु। | 
			
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				| विश्वगोप्ता					 : | पुं० [सं० ष० त०] १. विष्णु। २. इन्द्र। २. विश्वम्भर। | 
			
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