शब्द का अर्थ
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अंतरण :
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पुं० [सं० अंतर+णिच्+ल्युट्-अन] [भू० कृ० अंतरित] १. किसी वस्तु या सम्पत्ति का दान, विक्रय आदि के द्वारा एक स्वामी के हाथ से निकलकर दूसरे स्वामी के हाथ में जाना, हस्तांतरण। २. किसी अधिकारी या कर्मचारी का एक विभाग या स्थान से दूसरे विभाग में या स्थान पर भेजा जाना। बदली। ३. धन या रकम का एक खाते या मद से दूसरे खाते या मद में जाना या लिखा जाना। (ट्रान्सफरेन्स, उक्त तीनों अर्थों में)। |
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अंतरण-कर्ता (र्तृ) :
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पुं० दे० ‘अंतरितक’। |
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अंतरण-पत्र :
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पुं० [ष० त०] वह पत्र जिसके द्वारा कोई व्यक्ति अपनी सम्पत्ति, स्वत्व आदि दूसरे के हाथ सौंपता है। |
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