शब्द का अर्थ
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उखर :
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पुं० [हिं० ऊख] ऊख बोने के बाद हल पूजने की रीति जिसे हर-पुजी भी कहते है।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उखर :
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पुं० [हिं० ऊख] ऊख बोने के बाद हल पूजने की रीति जिसे हर-पुजी भी कहते है।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उखरना :
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अ० =उखड़ना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उखरना :
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अ० =उखड़ना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उखराज :
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पुं० =ईखराज।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उखराज :
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पुं० =ईखराज।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उखरैया :
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वि० [हिं० उखाड़ना] उखाडऩेवाला। उदाहरण—भूमि के हरैया उखरैया भूमि-घरनि के।—तुलसी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उखरैया :
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वि० [हिं० उखाड़ना] उखाडऩेवाला। उदाहरण—भूमि के हरैया उखरैया भूमि-घरनि के।—तुलसी।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |