शब्द का अर्थ
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उपस्कर :
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पुं० [सं० उप√कृ(करना)+अप्, सुट्] १. चोट या हानि पहुँचाना। २. हिंसा करना। ३. जीवन-निर्वाह में सहायक होनेवाली चीजें या बातें। ४. सजावट या सजाने की सामग्री। उपस्कार। ५. कोई ऐसा यंत्र जिसमें अनेक छोटे-छोटे तथा पेचीले कल पुरजे हों। संयंत्र। (एपरेटस) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उपस्कर :
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पुं० [सं० उप√कृ(करना)+अप्, सुट्] १. चोट या हानि पहुँचाना। २. हिंसा करना। ३. जीवन-निर्वाह में सहायक होनेवाली चीजें या बातें। ४. सजावट या सजाने की सामग्री। उपस्कार। ५. कोई ऐसा यंत्र जिसमें अनेक छोटे-छोटे तथा पेचीले कल पुरजे हों। संयंत्र। (एपरेटस) |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उपस्करण :
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पुं० [सं० उप√कृ+ल्युट-अन, सुट्] १. हानि या चोट पहुँचाना। २. सँवारना। सजाना। ३. विकार। ४. निंदा। ५. समूह। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
उपस्करण :
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पुं० [सं० उप√कृ+ल्युट-अन, सुट्] १. हानि या चोट पहुँचाना। २. सँवारना। सजाना। ३. विकार। ४. निंदा। ५. समूह। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |