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शब्द का अर्थ

ऊँचा-नीचा  : वि० [हिं० ऊँचा+नीचा] [स्त्री० ऊँची-नीची] १. (स्थान) जो बीच-बीच में कहीं कुछ ऊँचा और कहीं कुछ नीचा हो। उबड-खाबड़। असम। मुहावरा—ऊँचे-नीचे पैर पड़ना=कुमार्ग आदि में प्रवृत्त होना, विशेषतः लैगिक दृष्टि से पतन होना। जैसे—लड़के पर ध्यान रखो, कहीं ऊँचे-नीचे पैर न पड़ जाय। २. (कार्य या व्यवहार) जिसमें कही कोई भलाई हो और कही कोई बुराई। भले-बुरे, हानि-लाभ आदि से युक्त। जैसे—(क) उन्हें सब ऊँचा-नीचा समझा देना चाहिए। (ख) सब ऊँचा-नीचा सोच लो, तब पैर आगे बढ़ाओ। ३. (उक्ति या कथन) जो कहीं कुछ अच्छा या उचित भी हो और कहीं कुछ बुरा या अनुचित भी हो। खरा और खोटा दोनों। जैसे—उन्हें जरा ऊँची-नीची (बातें) सुनाओ, तब वे मानेगे।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
ऊँचा-नीचा  : वि० [हिं० ऊँचा+नीचा] [स्त्री० ऊँची-नीची] १. (स्थान) जो बीच-बीच में कहीं कुछ ऊँचा और कहीं कुछ नीचा हो। उबड-खाबड़। असम। मुहावरा—ऊँचे-नीचे पैर पड़ना=कुमार्ग आदि में प्रवृत्त होना, विशेषतः लैगिक दृष्टि से पतन होना। जैसे—लड़के पर ध्यान रखो, कहीं ऊँचे-नीचे पैर न पड़ जाय। २. (कार्य या व्यवहार) जिसमें कही कोई भलाई हो और कही कोई बुराई। भले-बुरे, हानि-लाभ आदि से युक्त। जैसे—(क) उन्हें सब ऊँचा-नीचा समझा देना चाहिए। (ख) सब ऊँचा-नीचा सोच लो, तब पैर आगे बढ़ाओ। ३. (उक्ति या कथन) जो कहीं कुछ अच्छा या उचित भी हो और कहीं कुछ बुरा या अनुचित भी हो। खरा और खोटा दोनों। जैसे—उन्हें जरा ऊँची-नीची (बातें) सुनाओ, तब वे मानेगे।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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