शब्द का अर्थ
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कटा :
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उभय० [हिं० काटना] १. काटने की क्रिया या भाव० उदाहरण—…ठाढ़ी अटा पै कटा करती हो।—ठाकुर। २. मार-काट। ३. वध। हत्या। ४. बहुत-से लोगों की एक साथ होनेवाली हत्या। सार्विक हत्या। (मैसेकर) |
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समानार्थी शब्द-
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कटा-कटी :
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स्त्री० [हिं० काटना+कटना] १. मार-काट। २. आपस में होनेवाला ऐसा भीषण विरोध, विवाद या शत्रुता, जिसमें एक दूसरे को काट या मारकर समाप्त कर देना चाहते हों। |
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कटा-छनी :
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स्त्री० [हिं० कटना या काटना+छनना या छानना] १. कुछ लोगों में आपस में होनेवाली मार-काट। २. आपस में होनेवाला गहरा विवाद अथवा कटुतापूर्ण उत्तर-प्रत्युत्तर। |
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कटाइक :
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वि० [हिं० काटना] १. काट करने या काटनेवाला। २. काट खानेवाला। कटहा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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कटाई :
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स्त्री० [हिं० काटना] १. कोई चीज कटने या काटने की क्रिया, भाव या मजदूरी। २. पकी हुई तैयार फसल को काटने की क्रिया, भाव या मजदूरी। स्त्री०=भटकटैया। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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कटाउ :
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पुं० =कटाव।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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कटाक्ष :
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पुं० [सं० कट√अक्ष् (व्याप्ति)+अच्] १. देखने का भाव। चितवन। जैसे—कृपा-कटाक्ष। २. विशेषतः कुछ तिरछी नजर से देखने की क्रिया या भाव। ३. वे काली रेखाएँ, जो शोभा के लिए आँखों के नीचे खींची जाती हैं। ४. किसी को खिन्न, दुखी या लज्जित करने के लिए कही जानेवाली कोई व्यंग्यपूर्ण बात। (सरकैस्ज्म)। |
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कटाग्नि :
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स्त्री० [सं० कट-अग्नि, ष० त०] घास-फूस की आग। |
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कटाच्छ :
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पुं० =कटाक्ष।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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कटाछ :
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पुं० =कटाक्ष।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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कटान :
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स्त्री० [हिं०काटना] १. काटने की क्रिया या भाव। कटाई। २. काटने का ढंग या प्रकार। कटाव। |
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कटाना :
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स० [हिं० काटना का प्रे० रूप] १. काटने का काम किसी से कराना। २. ऐसा काम करना जिससे कोई कुछ काटने में प्रवृत्त हो या काटने के लिए विविश हो। |
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कटार :
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(ी) स्त्री० [सं० कट्टार] प्रायः एक बित्ता लंबा एक प्रकार का दुधारा शस्त्र या हथियार जो छोटी तलवार की तरह होता है। पुं० कटास (जंतु)।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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कटारा :
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पुं० [हिं० कटार] १. बड़ी कटार। २. इमली की फली। ३. ऊँट कटारा नामक पौधा। |
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कटारिया :
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पुं० [हिं० कटार] मध्य युग में एक प्रकार का रेशमी कपड़ा, जिसमें कटार जैसी धारियाँ बनी होती थीं। |
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कटाली :
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स्त्री० =भटकटैया। |
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कटाव :
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पुं० [हिं० काटना] १. किसी वस्तु के कटने या काटे जाने की अवस्था, ढंग,भाव या रूप। जैसे—नदी या पहाड़ का कटाव। (इरोजन) २. कसीदे, पच्चीकारी आदि में फूल-पत्तियाँ आदि बनाने के लिए की जानेवाली कटाई। ३. बेल-बूटे आदि बनाने का काम। |
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कटावदार :
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वि० [हिं० कटाव+दार (प्रत्यय)] १. जिसके किनारे आरी के दाँतों की तरह जगह-जगह कटे हुए हों। जैसे—कटावदार झालर या पत्ती। २. (वस्तु) जिस पर बेल-बूटे काटे या खोदे गये हों। |
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कटावन :
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पुं० [हिं० काटना] १. काटने की क्रिया या भाव। २. किसी वस्तु का कटा हुआ छोटा टुकड़ा। कतरन। |
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कटाष्पना :
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स० [सं० कटाक्ष] कटाक्ष करना।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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कटास :
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पं० [हिं० काटना] एक प्रकार का बनबिलाव। स्त्री० काटने की प्रवृत्ति या रुचि। स्त्री० =कटार।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) |
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कटाह :
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पुं० [सं० कट-आ√हन् (हिंसा)+ड] १. बड़ी कड़ही। कड़ाहा। २. कछुए के ऊपर का कठोर आवरण। खपड़ा। ३. कूआँ। ४. नरक। ५. कुटी। झोंपड़ी। ६. ऐसा भैंसा जिसके सींग निकलने लगे हों। ६. टीला। |
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