शब्द का अर्थ
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चसक :
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स्त्री० [अनु०] १. हलका दर्द या पीड़ा। कसक। टीस। २. गोटे आदि की वह पतली गोट जो मगजी के आगे लगाई जाती है। पुं०=चषक। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
चसकना :
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अ० [हिं० चसक] शरीर के किसी अंग में रह-रहकर हल्की पीड़ा होना। टीस उठना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
चसका :
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पुं०=चस्का। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
चसकी :
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स्त्री० दे० ‘चसका’। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |