शब्द का अर्थ
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निराश :
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वि० [सं० निर्-आशा, ब० स०] [भाव० निराशा] जिसे आशा न रह गई हो, अथवा जिसकी आशा नष्ट हो चुकी हो। हताश। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
निराशक :
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वि० दे० ‘निराश’। |
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निराशा :
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स्त्री० [स्त्री० निर्-आशा, प्रा० स०] १. आशा का अभाव। २. निराश होने की अवस्था या भाव। |
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निराशावाद :
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पुं० [ष० त०] वह लौकिक सिद्धांत जिसमें यह माना जाता है कि संसार दुःखों से भरा है और इसलिए अच्छी बातों की ओर से मनुष्य को निराश रहना चाहिए, उनकी आशा नहीं करनी चाहिए। (पेसिमिज़्म) |
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निराशावादी (दिन्) :
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वि० [सं० निराशावादी+इनि] निराशावाद-संबंधी। पुं० वह जो निराशावाद के सिद्धांत को ठीक मानता हो। (पेसिमिस्ट) |
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निराशिष् :
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वि० [सं० निर्–आशिष्, ब० स०] १. आशीर्वाद शून्य। २. तृष्णा, वासना आदि से रहित। |
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निराशी :
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वि०=निराश। |
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निराश्रय :
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वि० [सं० निर्-आश्रय, ब० स०] १. जिसे कहीं कोई आश्रय या सहारा न मिल रहा हो। आश्रय-रहित। आधारहीन। बिना सहारे का। २. जिसका कोई संगी-साथी न हो। |
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