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पर्यग्नि  : पुं० [सं० परि-अग्नि, प्रा० स०] १. हाथ में अग्नि लेकर यज्ञ के लिए छोड़े हुए पशु की परिक्रमा करना। २. वह अग्नि जो उक्त अवसर पर हाथ में ली जाती थी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
पर्यग्नि  : पुं० [सं० परि-अग्नि, प्रा० स०] १. हाथ में अग्नि लेकर यज्ञ के लिए छोड़े हुए पशु की परिक्रमा करना। २. वह अग्नि जो उक्त अवसर पर हाथ में ली जाती थी।
समानार्थी शब्द-  उपलब्ध नहीं
 
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