शब्द का अर्थ
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पिहित :
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वि० [सं० अपि√धा (धारण करना)+क्त, अकार—लोप] १. ढका हुआ। २. छिपा हुआ। गुप्त। पुं० साहित्य में एक अर्थालंकार जिसमें ऐसी क्रिया का वर्णन होता है जिसके द्वारा यह जतलाया जाता है कि हमने आपके मन का गुप्त भाव ताड़ लिया है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
पिहित :
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वि० [सं० अपि√धा (धारण करना)+क्त, अकार—लोप] १. ढका हुआ। २. छिपा हुआ। गुप्त। पुं० साहित्य में एक अर्थालंकार जिसमें ऐसी क्रिया का वर्णन होता है जिसके द्वारा यह जतलाया जाता है कि हमने आपके मन का गुप्त भाव ताड़ लिया है। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |