शब्द का अर्थ
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					बंज					 :
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					पुं० [देश] हिमालय प्रदेश में होनेवाला एक प्रकार का बलूत जिसकी लकड़ी का रंग खाकी होता है। इसे सिल और मारू भी कहते हैं। पुं०=बनिज। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					बंजयंती					 :
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					स्त्री०=बैजंती।				 | 
			
			
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					बंजर					 :
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					वि० [सं० वन+उजड़] (भूमि) जिसमें कोई चीज न उगली हो फलतः जो उपजाऊ न हो। ऊसर। पुं० बंजर भूमि।				 | 
			
			
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					बंजर-भूमि					 :
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					स्त्री० [सं०] शुष्क प्रदेशों मे कटा-फूटा या ऊबड़-खाबड़ भू-खंड जिसमें कोई वनस्पति नहीं होती। ऐसी भूमि में बीच-बीच में छोटी-मोटी चट्टाने या टीले भी होते हैं। (बैड लैंड)				 | 
			
			
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					बंजरिया					 :
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					वि०=बंजर। स्त्री०=बन-जरिया। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					बंजारा					 :
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					पुं०=बनजारा।				 | 
			
			
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					बंजुल					 :
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					पुं०=वंजुल (अशोक)।				 | 
			
			
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