शब्द का अर्थ
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					बंब					 :
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					पुं० [अनु०] १. बंब शिव शिव आदि शब्दों की ऊँची ध्वनि जो शैव लोग भक्ति की उमंग में शिव को प्रसन्न करने के लिए किया करने हैं। २युद्धारम्भ में वीरों का उत्साहवर्धक नाद। रणनाद। उदाहरण—नारद कब बंदूक चलाया व्यासदेव कब कब बजाया। कबीर। ३. बहुत जोर का शब्द। क्रि० प्र०—देना।—बोलना। ४. धौंसा। नगाड़ा। ५. सींग का बना हुआ तुरही की तरह का एक बाजा। ६. दे० ‘बम’।				 | 
			
			
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					बंबई					 :
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					स्त्री० [सं० वल्मीक] १. दीमकों की बांबी। २. रहस्यवादी संतों की भाषा में देह। शरीर।				 | 
			
			
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					बंबा					 :
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					पुं० [अ० बंमा] १. स्रोत। सोता। २. उद्गम। ३. पानी की कल। पम्प। ४. जल-कल। ५. पानी बहाने का नल। ६. कोई लम्बोतरा गोल पात्र। जैसे—डाक की चिट्ठियाँ डालने का बंबा।				 | 
			
			
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					बंबाना					 :
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					अ० [अनु०] गौ आदि पशुओं का बाँ-बाँ शब्द करना। रँभाना।				 | 
			
			
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					बंबू					 :
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					पुं० [मलाया बम्बू-बाँस] १. चंडू पीने की बाँस की नली। २. नली। क्रि० प्र०—पीना।				 | 
			
			
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					बंबूकाट					 :
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					पुं० [मलाया० बंबू+अं० कार्ट] एक प्रकार की टाँगे की तरह की सवारी (पश्चिम)।				 | 
			
			
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					बँबूर					 :
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					पुं०=बबूल।				 | 
			
			
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