शब्द का अर्थ
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					बरग					 :
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					पुं० [फा० बर्ग] पत्ता। पत्र। पुं०=वर्ग।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है) पुं०=वरक।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
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					बरगद					 :
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					पुं० [सं० वट, हिं० बड] पीपल, गूलर आदि की जाति का एक बड़ा वृक्ष जो भारत में अधिकता से पाया जाता है। बड़ का पेड़। वृक्ष। (साधु सन्तों की कृतियो में यह विश्वास का प्रतीक माना गया है)।				 | 
			
			
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					बरगश्ता					 :
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					वि० [फा० बरगश्तः] १. अभागा। हत-भाग्य। २. विमुख।				 | 
			
			
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					बरगा					 :
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					वि० [सं० वर्ग] [स्त्री० बरगी] तरह या प्रकार का। जैसे—उसके बरगा और कौन हैं।				 | 
			
			
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					बरगी					 :
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					पुं० [फा० बरगीर] १. अश्वपाल। साईस। २. अश्व। घोड़ा। ३. मुगल काल में घोड़े पर सवार होकर शासन-व्यवस्था करनेवाला सैनिक।				 | 
			
			
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					बरगेल					 :
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					पुं० [देश] एक प्रकार का लवा। (पक्षी) जिसके पंजे कुछ छोटे होते हैं।				 | 
			
			
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