शब्द का अर्थ
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					बहु					 :
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					वि० [सं०√बह् (बढ़ना)+क, न-लोप] १. संख्या में एक से अधिक। अनेक। जैसे—बहुमुखी, बहुरंगा आदि। २. मान, मात्रा आदि में बहुत अधिक। ज्यादा। जैसे—बहुमत, बहुमूत्र, बहुमूल्य। स्त्री०=बहू।(यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
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					बहु-कंटक					 :
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					पुं० [सं० ब० स०] १. जवासा। २. हिंताल वृक्ष।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-कंटा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०] कंटकारी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-कंद					 :
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					पुं० [ब० स०] सूरन।				 | 
			
			
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				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-पुत्र					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] १. पाँचवें प्रजापति का नाम। २. सप्तपर्ण। वि० जिसके बुहत से पुत्र हों।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-पुत्रिका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० बहुपुत्रा+कन्+टाप्, इत्व] स्कन्द की अनुचरी एक मातृका।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-पुष्प					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] १. परिभद्र वृक्ष। फरहद का पेड़। २. नीम का पेड़।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-प्रकार					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] बहुविधि। अव्य० बहुत प्रकार से।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-प्रज					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] जिसके बहुत से बच्चे हों। पुं० १. सूअर। २. मूँज का पौधा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-प्रद					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ] १. बहुत देनेवाला। २. दानवीर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-फल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] १. कदम्ब। २. बन-भंटा। कटाई। विकंकत। वि० जिसमें बहुत अधिक फल लगते हों।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-फली					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० बहुफल+ङीष्] एक प्रकार का जंगली गाजर जिसका पौधा अजवाइन का सा पर उससे छोटा होता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-बल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] सिंह। वि० बहुत अधिक बलवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-बीज					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] १. बिजौरा नीबू। २. शरीफा। ३. बीजदार केला। वि० जिसमें बहुत से बींज हों।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-भाग्य					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] बड़भागी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-भाषी (षिन्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० बहु√भाष् (बोलना)+णिनि] १. बहुत बोलनेवाला। २. बकवादी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-भुजा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०+टाप्] दुर्गा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-भूमिक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०+कप्] कई मंजिलोंवाला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-भोक्ता (क्तृ)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ष० त०] १. बहुत तरह की चीजों का या बहुत अधिक भोग करनेवाला। २. बहुत खानेवाला। पेटू। ३. भुख्खड़।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-भोग्या					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० तृ० त० या ष० त०] वेश्या।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-मंजरी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०] तुलसी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-मत					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] १. बहुत से लोगों का अलग-अलग मत। २. किसी संस्था, समिति आदि के आधे से अधिक सदस्यों का मत। ३. किसी संस्था के दल आदि की ऐसी स्थिति जिसमें समर्थक या अनुयायी कुल सदस्यों में से आधे से अधिक हों। ४. आदे से अधिक मतदाताओं का समाहार। जैसे—इस बँटवारे में हमारा बहुमत होगा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-मार्ग					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] जिसमें या जिसके अनेक मार्ग हों। पुं० चौराहा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-मूत्र					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] एक प्रकार का रोग जिसमे रोगी को मूत्र बहुत अधिक और बार-बार आता है। पेशाब अधिक आने का रोग।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-वचन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] व्यकरण में संज्ञा आदि का वह रूप जिससे एक से अधिक वस्तुओं का बोध होता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहु-हेतुक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०+कप्] जिसमें कई या बहुत हेतु हों। (मल्टी पर्पज)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुअर					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० वधूवर] नई ब्याही हुई स्त्री। बहू।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० बहु+कन्] १. केकड़ा। २. आक। मदार। ३. चातक। पपीहा। ४. सूर्य। ५. तालाब। वि० १. ‘बहु’ संबंधी। २. बहुत। ३. अधिक दाम का। मँहगा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुक-वाद					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] [वि० बहुकवादी] दर्शन में, वह विचार-प्रणाली जिसमें किसी बात या वस्तु के एक की जगह अनेक या बहुत से मूल कारण या सिद्धान्त माने जाते हैं। ‘अद्वैतवाद’ का विपर्याय। बहुत्ववाद (प्लूरलिज़्म)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुकर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० बहु√कृ (करना)+ट] १. झाड़ू देनेवाला। २. ऊँट। स्त्री० [सं० बहुकरी] झाडू। (पश्चिम)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुकरी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० बहुकर+ङीष्] झाड़ू। बुहारी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुकर्णिका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०,+कप्,+टाप्, इत्व] मूसाकानी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुकवादी (दिन्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० बहुकवादी+इनि] १. बहुकवाद-संबंधी। २. बहुकवाद के सिद्धान्तों के अनुकूल। पुं० बहुकवाद या अनुयायी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुगंध					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] १. दारचीनी। २. कुंदरू। ३. पीत चन्दन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुगंधा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०+टाप्] १. जूही। २. काला जीरा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुगव					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०,+टच्] एक पुरुवंशीय राजा। (भागवत)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुगुण					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] १. जिसमें बहुत से गुण हों। २. जो मान या संख्याओं में अनेक गुना अधिक हो। (मल्टीपुल) ३. जो कई अंगों, तत्त्वों आदि से युक्त हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुगुना					 :
				 | 
				
					पुं० [हिं० बहु+गुण] चौड़े मुँह का एक गहरा बरतन जिसके पेंदे और मुँह का घेरा बराबर होता है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुग्रंथि					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] झाऊ का पौधा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुज्ञ					 :
				 | 
				
					वि० [सं० बहु√ज्ञा+क] [भाव० बहुज्ञता] १. बहुत-सी बातें जाननेवाला। २. अनेक विषयों का ज्ञाता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुटनी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० बहूँटा] बाँह पर पहनने का एक गहना। छोटा बहूँटा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुत					 :
				 | 
				
					वि० [सं० प्रभूत; प्रा० पहुत्त] १. जो गिनती में दो-चार से अधिक हो। ज्यादा। ‘थोड़ा’ का विपर्याय। जैसे—आज बहुत दिनों पर आप से भेंट हुई है। २. परिणाम, मात्रा आदि में आवश्यक या उचित से अधिक। जैसे—बहुत बोलना अच्छा नहीं होता। पद—बहुत अच्छा=(क) स्वीकृति सूचक वाक्य। एवमस्तु। ऐसा ही होगा। (ख) डराने-धमकाने के लिए कहा जानेवाला शब्द। जैसे—बहुत अच्छा ! तुमसे भी किसी दिन समझ लूँगा। बहुत करके=(क) अधिकतर अवसरों पर या अधिकतर अवस्थाओं में। प्रायः। बहुधा। (ख) बहुत संभव है कि। संभवतः। जैसे—बहुत करके तो वह कल चला ही जाएगा।। बहुत कुछ=विशेष, अधिक या यथेष्ट न होने पर भी, आवश्यक अथवा उचित मात्रा या मान में अथवा उससे कुछ ही कम। जैसे—इस झगड़े में उन्हें सब तो नहीं, फिर भी बहुत-कुछ मिल गया। बहुत हो लिये=तुम जितना कर सकते थे बहुत कर चुके, अब रहने दो, क्योंकि तुमसे यह काम नहीं होगा। ३. जितना होना चाहिए, उतना या उससे कुछ अधिक। यथेष्ट। जैसे—मेरे लिए तो आध सेर दूध भी बहुत होगा। पद—बहुत खूब=(क) वाह ! क्या कहना है। (किसी अनोखी बात पर) (ख) दे० ऊपर ‘बहुत अच्छा’। क्रि० वि० अधिक परिमाण या मात्रा में। ज्यादा। जैसे—बहुत बिगड़ा और उठकर चला गया।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुतक					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० बहुत+एक अथवा क] बहुत से। बहुतेरे।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुताँ					 :
				 | 
				
					वि०=बहुत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुता					 :
				 | 
				
					स्त्री० बहु (बहुत) होने की अवस्था या भाव। बहुत्व। वि०=बहुत। (यह शब्द केवल स्थानिक रूप में प्रयुक्त हुआ है)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुताइत					 :
				 | 
				
					स्त्री०=बहुतायत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुताई					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० बहुत+आई (प्रत्यय)] बहुत होने की अवस्था या भाव। बहुतायत। अधिकता। ज्यादती।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुतात					 :
				 | 
				
					स्त्री०=बहुतायत।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुतायत					 :
				 | 
				
					स्त्री० [हिं० बहुत+आयत (प्रत्यय)] बहुत होने की अवस्था या भाव। अधिकता। ज्यादती।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुतिक्ता					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०] काकमाची। मकोय।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुतेरा					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० बहुत+ऐरा (प्रत्यय)] [स्त्री० बहुतेरी] १. मान या मात्रा में बहुत अधिक। २. प्रचुर। यथेष्ठ। क्रि० वि० बहुत तरह से। अनेक प्रकार से।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुतेरे					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० बहुतेरे] संख्या में अधिक। बहुत से। अनेक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुत्व					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० बहु+त्व] बहुत होने की अवस्था या भाव। आधिक्य। अधिकता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुत्वक् (च्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] भोजपत्र।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुत्ववाद					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ] [वि० बहुत्ववादी]=बहुकवाद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुदर्शिता					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० बहुदर्शित+तल्+टाप्] बहुदर्शी होने की अवस्था० या भाव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुदर्शी (र्शिन्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० बहु√दृश्+णिनि] [भाव० बहुदर्शिता] जिसने संसार में बहुत कुछ देखा-भाला हो। विशेषतः जिसने अच्छी तरह से दुनिया देखी हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुदल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] चेना नाम का अन्न।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुदला					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०,+टाप्] चेंच नाम का साग। चंचु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुदुग्ध					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] गेहूँ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुदुग्धा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०+टाप्] दुधार गाय।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुदुग्धिका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०+कप्] थूहड़।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुदेव-वाद					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० बहु-देव, कर्म० स० बहुदेव-वाद, ष० त०] यह मत या सिद्धान्त कि धर्म में बहुत से छोटे बड़े देवता और देवियाँ होती है और समाज में लोग अपनी-अपनी रुचि के अनुसार उनमें से किसी न किसी के उपासक होते हैं। (पॉलीथीज्म) विशेष—यह एकेश्वरवाद से भिन्न और प्रायः उसका विरोधी है।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुदेववादी(दिन्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० बहुदेववाद+इनि] वह जो बहुदेववाद का अनुयायी या समर्थक हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुधन					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] जिसके पास बहुत धन हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुधर					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० त०] शिव। महादेव।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुधा					 :
				 | 
				
					अव्य० [सं० बहु+धाच्] १. अनेक प्रकार से। बहुत तरह से। २. अधिकतर अवसरों पर। अक्सर। प्रायः।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुधान्य					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ष० स०] साठ संवत्सरों में से बारहवाँ संवत्सर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुधार					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] एक प्रकार का हीरा। वजहीरक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुनाद					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] शंख।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुनामा (मन्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] जिसके बहुत से नाम हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुपतित्व					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० बहु-पति, ब० स०+त्व] वह सामाजिक प्रथा जिसमे एक स्त्री एक ही समय या एक साथ कई पुरुषों के विवाह करके उनके साथ दाम्पत्य जीवन बिताती है। (पालियैण्ड्री)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुपत्नीक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०+कप्] जिसकी बहुत सी पत्नियाँ हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुपत्नीत्व					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०+त्व] वह सामाजिक प्रथा जिसमे एक पुरुष एक ही समय में या एक साथ कई स्त्रियों से विवाह करके साथ दाम्पत्य जीवन बिताता है। (पालिजिनी)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुपत्र					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] बहुत से पत्तोवाला। पुं० १. अभ्रक। अबरक। २. प्याज। ३. वंशपत्र। ४. मुचकुंद। वृक्ष। ठाक। पलाश।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुपत्रा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० बहुपत्र+टाप्] १. तरुणी पुष्प वृक्ष। २. बहुलिगीं लता। ३. दूधिया घास। ४. भूआँवला। ५. धीकमार। ६. वृहती। ७. जंतुका लता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुपत्रिका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०+कप्,+टाप्+इत्व] १. भूम्यामलकी। २. महाशतावरी। ३. मेथी। ४. बच। बचा।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुपत्री					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० बहुपत्री+ङीष्] १. भूम्यामलकी। २. शिवलिंगनी लता। ३. तुलसी। ४. जातुका। ५. बृहती। ६. दूधिया घास।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुपद (द)					 :
				 | 
				
					वि० पुं०=बहुपाद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुपाद					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] बहुत से पैरोंवाला। पुं० बरगद का पेड़। वट वृक्ष।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुपुष्पिका					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० बहुपुष्प+कन्+टाप्, इत्व] धातकी वृक्ष। घाय का पेड़।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुफला					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० बहुफला+टाप्] १. भूम्यामलकी। २. खीरा। ३. एक प्रकार का बन-भंटा जिसे क्षविका कहते हैं। ४. काकमाची। ५. छोटा या जंगली करेला। करेली।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुःफेना					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० ब० स०] १. पीले दूधवाला थूहर। सातला। २. शंखाहुली।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुब्रीहि					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] व्याकरण में समास का वह प्रकार जिसमें समस्त पदों के योगार्थ से भिन्न कोई अन्य अर्थ ग्रहण किया जाता है। जैसे—बहुबाहू (रावण) चन्द्रमौलि (शिव)।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुमल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] सीसा नाम की धातु। वि० बहुत मैला।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुमात्र					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] जो मात्रा में बहुत अधिक हो। बहुत अधिक मानवाला। ढेरसा। (मास) जैसे—बहु-मात्र उत्पादन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुमात्रा-उत्पादन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० कर्म० स०] आधुनिक उद्योग-धन्धों मे कोई चीज एक साथ बहुत अधिक मात्रा या मान में तैयार करना या बनाना। (मास प्रोड्क्शन)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुमान					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० कर्म० स०] अधिक आदर। अधिक मान।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुमानी (निन्)					 :
				 | 
				
					वि० [सं० कर्म० स०] बहुत आदरणीय।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुमूर्ति					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] १. बहुरूपिया। २. विष्णु। ३. बनकपास।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुमूल					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] १. रामशर। सरकंडा। २. नरसल। नरकट। ३. शोभांजन। सहिंजन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुमूलक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० बहुमूल+कन्] खस। उशीर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुमूला					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० बहुमूल+टाप्] शतावरी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुमूल्य					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] १. जिसका मूल्य बहुत अधिक हो। २. जो आदर, गुण महत्त्व आदि की दृष्टि से अति प्रशंसनीय या उपयोगी हो। जैसे—बहुमूल्य उपदेश।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुरंगा					 :
				 | 
				
					वि० पुं०=बहुरंगी।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुरंगी					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० बहु+रंग] १. जिसमें बहुत से रंग हो। अनेक रंगोंवला। २. जिसके मन मे अनेक प्रकार के भाव या विचार आते-जाते रहते हों। ३. मन-मौजी। अनेक प्रकार या भाँति का। पुं० बहुरूपिया।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुरंगी-पतंग					 :
				 | 
				
					पुं० दे० ‘झाँगा’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुरना					 :
				 | 
				
					अ० [स० प्रघूर्णन, प्रा० पहोलन] १. वापस आना। लौटाना। २. कोई चीज फिर से मिलना या हाथ में आना। फिर से प्राप्त होना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुरि					 :
				 | 
				
					अव्य० [हिं० बहुरना] १. पुनः। फिर। २. अनन्तर। उपरान्त। पीछे।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुरिया					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० बधूटी, बधूटिका, प्रा० बहुरिया] नयी बहू।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुरी					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० वाटुक या हिं० भौरना=भूनना] भूना हुआ खड़ा अन्न। चर्वण। चबेना।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुरूप					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] अनेक रूप धारण करनेवाला। क्रि० प्र०—भरना। पुं० [सं०] १. विष्णु। २. शिव। ३. ब्रह्य। ४. कामदेव। ५. एक बुद्ध का नाम। ६. पुराणानुसार के वर्ष या भूमि-खंड का नाम। ७. ऐसा तांडव नृत्य जिसमें अनेक रूप धारण किये जाते हों। ८. गिरगिट। सरट।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुरूपक					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० बहुरूप+कन्] एक प्रकार का जंतु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुरूपा					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० बहुरूप+टाप्] १. दुर्गा। २. अग्नि की सात जिह्वाओं मे से एक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुरूपिया					 :
				 | 
				
					वि० [हिं० बहु+रूप] १. अनेक प्रकार के रूपोंवाला। २. अनेक प्रकार से रूप धारण करनेवाला। पुं० वह जो जीविका-निर्वाह के लिए अनेक प्रकार के वेष धारण करके या स्वाँग बनाकर लोगों के सामने उनका मनोरंजन करता और उनसे पुरस्कार लेता हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुरूपी					 :
				 | 
				
					वि० [सं० बहुरूप] अनेक रूप धारण करनेवाला। पुं० बहुरूपिया।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुरेता (तस्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] ब्रह्य। वि० जिसमें बहुत वीर्य हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुरोमा (मम्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] १. मेष। मेढ़ा। २. लोमड़ी। ३. बन्दर। वि० बहुत अधिक बालोंवाला। जिसका शरीर बालों से भरा हो।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुरौ					 :
				 | 
				
					अव्य० दे० ‘बहुरि’।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुल					 :
				 | 
				
					वि० [सं० बंहि (वृद्धि)+कुलच्] [भाव० बहुलता] अधिक। बहुत। पुं० १. शिव। २. अग्नि। ३. आकाश। ४. काला रंग। ५. चांद्र मास का कृष्ण पक्ष। ६. सफेद गोल मिर्च।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुलच्छद					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] लाल सहिंजन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुलता					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० बहुल+तल्+टाप्] बहुल होने की अवस्था या भाव। अधिकता।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुला					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० बहुल+टाप्] १. गाय। गौ। २. एक विशिष्ट गौ जो पुराणानुसार बहुत ही सत्यनिष्ठ थी और जिसके नाम पर लोग भादों बदी चौथ और माघ बदी चौथ को व्रत रखते हैं। ३. एक देवी का नाम। ४. पुराणानुसार एक नदी। ५. कृत्तिका नक्षत्र। ६. इलायची। ७. नील का पौधा। ८. एक प्रकार की समुद्री मछली।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुलाचौथ					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० बहुला+हिं० चौथ] भादों बदी चौथ। इस दिन सत्यवती गौ के नाम पर लोग व्रत रखते हैं।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुलालाप					 :
				 | 
				
					वि० [सं० बहुल-आलाप, ब० स०] बकवादी। पुं० बकवाद।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुलावन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ] वृन्दावन के ८४ वनों में से एक वन।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुलित					 :
				 | 
				
					वि० [सं० बहुल+इतच्] कई गुणा बढ़ाया हुआ। (मल्टिपुल) जैसे—बहुलित उद्देश्य।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुली					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० बहुला] इलायची।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुलीकृत					 :
				 | 
				
					वि० [सं० बहुल+च्वि√कृ (करना)+क्त] १. बढाया हुआ। वर्धित। २. प्रकट किया हुआ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुवर्षीय					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ] वर्षानुवर्षी (दे०)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुवल्क					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] पियासाल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुवार					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० बहु√वृ(विभाग करना)+णिच्+अण्] लिसोढ़े का पेड़।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुविद्य					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] १. जिसने बहुत सी विद्याएँ पढ़ी या सीखी हों। २. बहुत सी बातें जाननेवाला। बहुज्ञ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुविवाह					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] १. वह सामाजिक प्रथा जिसमे एक व्यक्ति (पुरुष या स्त्री) एक साथ कई व्यक्तियों (स्त्रियों या पुरुषों) के साथ विवाह करके रहता है। २. विशेषतः वह सामाजिक प्रथा जिसमें एक पुरुष एक साथ कई स्त्रियों के साथ विवाह करके दाम्पत्य जीवन व्यतीत करता है। (पॉलिगैमी)				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुवीर्य					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] १. विभीतक। बहेड़ा। २. शाल्मली। सेमल। ३. मरुआ।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुशः (शस्)					 :
				 | 
				
					अ० य० [सं० बहु+शस्] १. बहुत वार। २. बहुत तरह से।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुशत्रु					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] गौरा पक्षी। चटक।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुशिर (रस्)					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] विष्णु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुश्रुत					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०] १. (व्यक्ति) जिसने अनेक विषयों की ज्ञान संबंधी बहुत-सी बातें सुनी तथा स्मरण रखी हों। २. विद्वान। पंडित।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुश्रृंग					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] विष्णु।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुसंख्यक					 :
				 | 
				
					वि० [सं० ब० स०+कप्] १. जिसकी संख्या बहुत अधिक हो। गिनती में बहुत। २. जिसकी संख्या दूसरों की तुलना में बहुत अधिक हो। जैसे—संसद् का बहु संख्यक दल।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुसार					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] खदिर। खैर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुसू					 :
				 | 
				
					स्त्री० [सं० बहु√स्+क्विप्] शूकरी। मादा सूअर।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुस्रव					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० बहु√स्रु(बहना)+अच्] शल्लकी वृक्ष। सलई।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 | 
				
			
			
					
				| 
					बहुस्वन					 :
				 | 
				
					पुं० [सं० ब० स०] १. उल्लू। २. शंख।				 | 
			
			
				 | 
				समानार्थी शब्द- 
				उपलब्ध नहीं				 |