शब्द का अर्थ
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बितत :
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भू० कृ० [सं० वि√तन् (विस्तार होना)+क्त] १. फैला हुआ। विस्तृत। २. खींचा या ताना हुआ। जैसे—वितत धनुष। ३. झुका हुआ। पुं० १. वीणा नाम का बाजा। २. वीणा की तरह का एक बाजा। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |
बितताना :
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अ० [सं० व्यथित] १. व्यथित होना। २. विलाप करना। बिलखना। स० दुःखी या संतप्त करना। अ० [सं० वितान] परसना। फैलना। स० पसारना। फैलाना। |
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समानार्थी शब्द-
उपलब्ध नहीं |