शब्द का अर्थ
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भट्ट :
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पुं० [सं०√भट्+तल्] १. ब्राह्मणों की एक उपाधि जिसके धारण करनेवाले दक्षिण भारत, मालव आदि कई प्रांतों में पाये जाते हैं। २. विशिष्ट रूप से महाराष्ट्र ब्राह्मणों की उपाधि। ३. दे० ‘भट’। ४. दे० ‘भाट’। |
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भट्टाचार्य :
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पुं० [सं० भट्ट-आचार्य, द्व० स०+अच्] १. दर्शनशास्त्र का पंडित। २. सम्मानित अध्यापक (पदवी रूप में प्रयुक्त) ३. बंगाली ब्राह्मणों की एक जाति या वर्ग। |
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भट्टार :
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पुं० [सं० भट्ट√ऋ+अण्, वृद्धि] (पदवी रूप में प्रयुक्त)। |
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भट्टारक :
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वि० [सं० भट्टार+कन्] [स्त्री० भट्टारिका] पूज्य। माननीय। पुं० १. राजा। २. मुनि ३. पंडित। ४. सूर्य। ५. देवता। |
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भट्टिनी :
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स्त्री० [सं० भट्ट+इनि+ङीष्] नाटक की भाषा में राजा की वह पत्नी जिसका अभिषेक न हुआ हो। स्त्री० हिं० भट्ट का स्त्री। |
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भट्टी :
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स्त्री०=भट्ठी। |
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