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शब्द का अर्थ
रस-दारु :
पुं० [मध्य० स०] वृक्षों में वह ताजी बनी हुई लकडी जो उसकी हीर की लकड़ी और छाल के बीच में रहती है। (सैप-उड)
समानार्थी शब्द-
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