शब्द का अर्थ
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लंक :
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स्त्री० [सं०] कमर। कटि। पुं० [?] ढेर। राशि। जैसे—देखते-देखते उसने किताबों का लंक लगा दिया। क्रि० प्र०—लगाना। स्त्री० =लंका (द्वीप)। |
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लंक-टंकटा :
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स्त्री० [सं०] १. सुकेश राक्षस की माता और विद्युतकेश की कन्या का नाम। २. पुराणानुसार सन्ध्या की कन्या का नाम। |
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लंक-दीप :
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पुं० =लंका (द्वीप)। |
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लंक-नाथ :
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पुं० [सं० लंकानाथ] १. रावण। २. विभीषण। |
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लंक-लाट :
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पुं० [अं० लांग क्लाथ] एक प्रकार का चिकना मोटा कपड़ा। |
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लंकनायक :
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पुं० =लंकनाथ। |
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लंका :
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स्त्री० [सं०√रम् (रमण)+क, बा, रस्यल, +टाप्] १. भारत के दक्षिण का एक प्रसिद्ध द्वीप जहाँ पहले रावण का राज्य था। लोगों का विश्वास है कि रावण के समय यह टापू सोने का था। २. मध्यकालीन साहित्य में आधुनिक सिंहल से भिन्न एक और द्वीप, जिसे लंगबालूस भी कहा जाता था। ३. शिंबी धान्य। ४. असबरग। ५. काला चना। ६. वृक्ष की शाखा। डाली। |
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लंका-पति :
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पुं० [सं० ष० त०] १. रावण। २. विभीषण। |
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लंकाधिपति :
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पुं० [सं० लंका-अधिपति, ष० त०] रावण। |
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लंकारि :
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पुं० [सं० लंका-अरि, ष० त०] रामचन्द्र। |
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लंकारिका :
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स्त्री० [सं०] असबरग। |
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लंकाल :
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पुं० [?] शेर। सिंह। (डि०) उदाहरण—बारह बरसा बापरौ, लहै बैर लंकाल।—कविराज सूर्यमल। |
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लंकिनी :
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स्त्री० [सं०] रामचरित मानस में वर्णित एक राक्षसी जिसे हनुमान जी ने लंका में प्रवेश करते समय घूँसे से मारा था। |
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लंकूर :
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पुं० =लंगूर।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है) |
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लंकेश :
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पुं० [सं० लंका-ईश, ष० त०] १. लंका के अधिपति, रावण। २. विभीषण। |
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लंकेश्वर :
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पुं० [सं० लंका-ईश्वर, ष० त०] लंकेश। |
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लंकोई :
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स्त्री० =असबरग। |
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लंकोदय :
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पुं० [सं०] ज्योतिष में भारत के उत्तर में रोहीतक (आधुनिक रोहतक) मध्य में उज्जयिनी और दक्षिण में लंका से होकर जानेवाली देशांतर रेखा पर का सूर्यादय काल जो पंचागों में प्रामाणित माना जाता है। |
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