शब्द का अर्थ
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शैव :
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वि० [सं० शिव+अण्] १. शिव संबंधी। शिव का। जैसे—शैव दर्शन। २. शैव संप्रदाय का अनुयायी। पुं० १. शिव का उपासक या भक्त। २. हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध संप्रदाय (वैष्णव से भिन्न) जो शिव का उपासक है। ३. पाशुपत अस्त्र। ४. धतूरा। ५. अडूसा। ६. जैनों के अनुसार पांचवें कृष्ण या वासुदेव का एक नाम। |
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शैव पुराण :
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पुं० [सं० कर्म० स०] शिव पुराण। |
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शैवपत्र :
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पुं० [सं० ब० स०] बिल्व वृक्ष, जिसकी पत्तियाँ शिव पर चढ़ती है। बेल। |
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शैवल :
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पुं० [सं०√शी (शयन करना)+वलञ्] १. पद्य काष्ठ। पदमकाठ। २. सेवार। ३. एक प्राचीन पर्वत। |
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शैवलिनी :
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स्त्री० [सं० शैवल+इनि-ङीष्] नदी। |
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शैवागम :
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पुं० [सं०] शैवमत के प्रतिपादक धर्म ग्रन्थ जो प्रायः ई० सातवीं शती से पहले बने थे। |
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शैवाल :
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पुं० [सं०√शि (शयन करना)+वालञ्] सेवार। |
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शैवी :
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स्त्री० [शैव-ङीष्०] १. पार्वती। २. मनसा देवी। ३. कल्याण। मंगल। |
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शैव्य :
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वि० [सं० शिव+त्र्य] शिव संबंधी। शिव का। पुं० १. कृष्ण के एक घोड़े का नाम। २. पाण्डवों की सेना का एक यूथप। |
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शैव्या :
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स्त्री० [सं० शैव्य-टाप्] अयोध्या के सत्यव्रती राजा हरिशचन्द्र की रानी (चंद कौशिक)। |
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